Tuesday 18 July 2017

हेयर ट्रांसप्लांट (केश प्रत्यारोपण)

केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांट) सर्जरी एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है, जिसकी मदद से सिर के पिछले व साइड वाले हिस्से से, दाढ़ी, छाती आदि से बालों को लेकर सिर के गंजे भाग में implant कर दिया जाता है। इसकी वजह यह कि सिर के पिछले हिस्से के बाल आमतौर पर नहीं झड़ते इस लिए सिर के पीछे के बाल ही implant किये जाते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के तकरीबन २ हफ्ते बाद बाल उगने शुरू हो जाते हैं और पूरे बाल आने में 7-10 महीने का समय लगता है। शर्त यह है आपको डॉक्टर दुवारा दी गई हिदायतों का पालन करना होता है। यह बाल बिलकुल कुदरती बालों की तरह होते हैं जिन्हें आप कटवा सकते हैं, कलर कर सकते हैं और अपना मनचाहा हेयर स्टाइल रख सकते हैं। आँखों की पलकों, भौहों या दाड़ी के बालों की समस्या को भी इस तकनीक से दूर किया जा सकता है।
hair loss
बाल प्रत्यारोपण कैसे काम करता है ?
सबसे पहले पूरे सिर को ट्रिम कर दिया जाता है उसके बाद मरीज के सिर को अचेत (सुन्न) कर दिया जाता है ताकी प्रक्रिया के दौरान मरीज को किसी तरह का दरद महसूस न हो। सिर के पीछे वाले भाग से एक एक कर के हेयर ग्राफ्ट्स (बाल की जड़) को विशेष उपकरणों की मदद से निकाला जाता है। अंत में हेयर ग्राफ्ट्स (बाल की जड़) को गंजे हिस्से में लगा दिया जाता है।
क्यों गिरते हैं बाल ?
आनुवंशिकता – पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन डीहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन हार्मोन में बदल जाता है जो सिर पर आगे के बालों के लिए जिम्मेदार होता है। इस हार्मोन का स्तर बढ़ने से सिर के आगे के बालों की जड़े कमजोर हो जाती है और बाल झड़ने व टूटने लगते हैं।हेयर ट्रांसप्लांट केवल 18 से 65 साल के बीच ही करवाना सही रहता है।
खानपान- बालों की सेहत के लिए विटामिन, बायोटीन, मिनरल व प्रोटीन युक्त भोजन के साथ साथ बादाम, मूंगफली, काजू, गोभी, अलसी आदि भी लेने चाहिए। आजकल के दौर में लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव और लगातार केमिकल युक्त उत्पाद का इस्तेमाल बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ाता है। बार-बार शैंपू का ऑयल बदलना भी इसका कारण होता है। इसके अलावा सिर की त्वचा का रुखा बना रहना और तेल की मालिश ना करना भी एक वजह हो सकती है।
हार्मोनल बदलाव- कई बार समय से पहले या निश्चित उम्र के बाद हार्मोनल बदलाव परेशानी का सबब बनता है। महिलाओं में थायराइड हार्मोन, पौष्टिक तत्वों में खून की कमी, पीसीओडी(PCOD) की समस्या से बाल झड़ने लगते हैं। त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे सोरायसिस, एग्जिमा, डर्मेटाइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस तकनीक का सहारा नहीं लेना चाहियें , वर्ना समस्या बढ़ सकती है।सन्दर्भ
हेयर ट्रांसप्लांट (बाल प्रत्यारोपण) की विधियां:
बाल प्रत्यारोपण करने के लिए कई विधियां हैं। इनमें से दो विधियां सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं जैसे की फोल्लिकलर यूनिट एक्सट्रैक्शन और दूसरी फॉलिकल यूनिट ट्रांसप्लांटेशन।
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है, जिसकी मदद से सिर के पिछले व साइड वाले हिस्से से, दाढ़ी, छाती आदि से बालों को लेकर सिर के गंजे भाग में implant कर दिया जाता है। इसकी वजह यह कि सिर के पिछले हिस्से के बाल आमतौर पर नहीं झड़ते इस लिए सिर के पीछे के बाल ही implant किये जाते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के तकरीबन २ हफ्ते बाद बाल उगने शुरू हो जाते हैं और पूरे बाल आने में ८ -१० महीने का समय लगता है। शर्त यह है आपको डॉक्टर दुवारा दी गई हिदायतों का पालन करना होता है। यह बाल बिलकुल कुदरती बालों की तरह होते हैं जीने आप कटवा सकते हैं, कलर कर सकते हैं और अपना मनचाहा हेयर स्टाइल रख सकते हैं। आँखों की पलकों, भौहों या दाड़ी के बालों की समस्या को भी इस तकनीक से दूर किया जा सकता है।
बाल प्रत्यारोपण करने के लिए कई विधियां हैं। इनमें से दो विधियां सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं जैसे की फोल्लिकलर यूनिट एक्सट्रैक्शन और दूसरी फॉलिकल यूनिट ट्रांसप्लांटेशन
1) FUT प्रक्रिया को स्ट्रिप प्रक्रिया भी कहते हैं क्यों की इसमें सिर के पीछे से बालों की स्ट्रिप निकाली जाती है।सबसे पहले मरीज को local anesthesia देकर अचेत (सुन्न) कर दिया जाता है। फिर मरीज के डोनर एरिया से एक 1.6-1.7 cm चौड़ी स्ट्रिप निकाली जाती है। आधे इंच की एक स्ट्रिप में आम तौर पर दो से ढाई हज़ार follicles हो सकते हैं और एक फॉलिकल में दो से तीन बाल होते हैं। जहां फॉलिकल्स लागए जाते हैं वहां पर एक रात के लिए पट्टिआं लगा दी जाती हैं जिन्हे अगले दिन क्लिनिक जाकर उतरवाया जा सकता है।फॉलिकल्स लगाने के बाद डोनर एरिया (Donor Area ) में टाँके लगा दिए जाते हैं। यह टाँके कुछ एक से दो हफ़्तों में सामान्य हो जाते हैं। पर इस प्रक्रिया मंं दर्द FUE से ज़्यादा होता है।
2) FUE में FUT कि तरह कोई स्ट्रिप नहीं काटी जाती। इसमें सिर के पीछे से एक एक करके फॉलिकल्स (बाल की जड़ )को निकाला जाता है। (बाल की जड़ को के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। सिर के पीछे से निकाले गए बाल की जड़ को गंजे हिस्से में implant किया जाता है। आम तौर पर एक सिटिंग में 2000-3000 Follicles लगाए जाते हैं और इसमें ६ से ८ घंटे का समय लगता है। इसमें patient को admit होने की जरूरत नहीं पड़ती। बाल लगवाने के बाद मरीज अपने घर जा सकता है। FUE सर्जरी की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कोई टंका वगैरा नहीं लगता जिस कि वजह से मरीज को दर्द नहीं होता। Donor Area यहां से बाल निकाले जाते हैं वह 5 से 7 दिन में सामान्य हो जाता है।
हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया
सामान्य जरूरी ब्लड से जुड़ी और शारीरिक जांच करने के बाद, केवल सिर की चमड़ी पर लोकल एनेस्थीसिया देते हैं। जिसमें व्यक्ति को ज्यादा दर्द नहीं होता विशेषज्ञ एनेस्थीसिया की डोज को व्यक्ति के वजन के अनुसार ही देते हैं लगभग 5- 8 घंटे की इससे प्रक्रिया के दौरान मरीज बीच-बीच में कुछ खा पी भी सकता है ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर देते हैं। कुछ सामान्य सावधानी अपनाकर मरीज अपनी दिनचर्या में लौट सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट्स) क्या है ?
हेयर ट्रांसप्लांट इक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इसके कोई स्थाई दुष्प्रभाव (परमानेंट साइड इफेक्ट्स) नहीं है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ अस्थाई परेशानी जैसे खुजली, सूजन, सर पर लालिमा आ सकती है, पर आपको इसके लिए पहले से दवाई दी जाती है और ये कुछ दिन में ही ठीक हो जाती है। आपका डॉक्टर आपको हेयर ट्रांसप्लांट के बाद की देखभाल के बारे में सारी जानकारी दे देता है। 10-15 दिन के बाद आपके बाल सामान्य हो जाते है।
इन बातों का रखें ख़ास ध्यान
FUE
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद पहले एक बार बाल झड़ते हैं जो सामान्य हैं। लेकिन दो-तीन महीने के बाद बाल सही तरह से उगना शुरू हो जाते हैं। इसलिए पूरा परिणाम आने में कम से कम 6 महीने का समय लगता है। कई लोगों को पूरी तरह से बाल ना आने की शिकायत रहती है, जिसकी वजह खराब तकनीक, विशेषज्ञ सर्जन (प्लास्टिक सर्जन या डर्मेटोलॉजिस्ट ) से इलाज न लेना और ऑटोइम्यून डिजीज होती है। हेयर प्लांट दूसरी सर्जरी जितनी ही जटिल होती है और इसे अपनाने से पहले प्रशिक्षित चिकित्सक ( प्लास्टिक सर्जन या डर्मेटोलॉजिस्ट ) स्पेशलिस्ट क्लीनिक और इमरजेंसी केयर का होना बेहद जरुरी है।

Thursday 23 February 2017

Hair System

गंजेपन का इलाज वैसे तो दिन-ब-दिन बेहतर होता जा रहा है | हालांकि इसके उपचार की अन्य तकनीकें भी काफी एडवांस हो चुकी हैं लेकिन बहुत से लोगों के लिए Non Surgical Hair Replacement (नॉन सर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट) का मतलब नकली बाल, बिग होता है, लेकिन सच में यह ऐसा नहीं है | नॉन सर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट की टेक्निक इन दिनों काफी एडवांस हो चुकी है, खासतौर पर पुरुषों के लिए तो यह गंजेपन से छुटकारा पाने का एक असरदार तरीका बन गई है | यहां पार हम आपको डिटेल में बताएंगे कि नॉन सर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट क्या होता है और इसके साथ ही आपको इससे जुड़ी और भी जानकारियां और ट्रीटमेंट के Procedure के बारे में भी बताएंगे | साथ ही कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में जानेंगे कि यह तकनीक कहां पर असरदार है, इसके साथ ही इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी कुछ बताएंगे |

What Is Non Surgical Hair Replacement क्या है नॉन सर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट ?

अगर आपको अभी भी ऐसा लगता है कि Non-Surgical Hair Replacement का मतलब विग पहनना होता है तो एक बार फिर से सोचिए । आज की तकनीकें बेहद आरामदायक, प्राकृतिक परिणाम देती हैं जिससे आप जीवनभर संतुष्ट रहते हैं । Non Surgical Hair Replacement में Scalp पर एक पारदर्शी, पतली और हल्की membrane लगाई जाती है जिसमें इंसानी बाल होते हैं । Membrane को मौजूदा बालों के साथ सिल कर स्कैल्प से जोड़ दिया जाता है । इससे आपको बेहद Natural Look मिलता है । इस तकनीक के जरिए membrane में मौजूद बाल सिर के बालों से Color, Density और Direction में Perfectly match हो जाते हैं । दरअसल membrane को Scalp से Latest Bonding Material से जोड़ा जाता है । इसलिए आप इसे Confidence और आराम के साथ पहन सकते हैं ।

Non Surgical Hair Replacement ट्रीटमेंट में क्या होता है?

अधिकतर Non Surgical Hair Replacement डिजाइन और कसंल्टेशन से शुरू होते हैं । डिजाइन और कंसल्टेशन से यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रोडक्ट आपके मौजूदा बालों के कलर और स्टाइल के अनुसार ही तैयार किया जाए । डिजाइन से लेकर मनमाफिक प्रोडक्ट तैयार करने में कई महीनों का वक्त लगता है । आप बाजार से ऐसे प्रोडक्ट भी ले सकते हैं जो पहले से तैयार हैं और सस्ते भी । हालांकि इससे समय तो बच जाएगा लेकिन आप क्वालिटी के साथ समझौता करेंगे ।

एक बार जब डिजाइन पूरा हो जाता है तो दो और अहम चीजों पर गौर किया जाता है । पहला है Membrane । बाजार में फिलहाल कई तरह के Membrane available है । हालांकि इनमें से सबसे बेहतरीन है Monofilament, Paulurethen और लेस । अगर आप नॉन-सर्जिकल हेयर रिप्लेसमेंट थैरेपी का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं तो अपने Practitioner से इन्हीं में से एक मेंब्रेन का यूज करने को कहें । आमतौर पर प्रैक्टीशनर यूजर की जरूरत के हिसाब से ही Membrane के selection की सलाह देते हैं । Monofilament पोरस होता है तो यह ऐसे लोगों के लिए परफेक्ट है, जिनके स्कैल्प को हवा की जरूरत होती है । Paulurethen invisible और अलग होता है । लेस से लोगों को सबसे अधिक natural look मिलता है । इसका इस्तेमाल गंजेपन के शिकार लोगों की हेयरलाइन बनाने में भी किया जाता है । इस procedure में दूसरा सबसे अहम पहलू होता है मेंब्रेन को स्कैल्प से जोड़ना । ऐसा करने के लिए latest technique यह है कि एक Translucent गोंद से इसे स्कैल्प पर चिपका दिया जाता है । यह ऐसा चिपकाने वाला पदार्थ होता है जो न ही पसीने और न ही पानी से छूटता है | Membrane स्कैल्प पर सीधे चिपक जाए इसके लिए हो सकता हैं कि अपने बालों को शेव करना पड़े ।



Why To Go For A Non Surgical Hair Replacement क्यों कराये

यह एक बहुत बड़ा सवाल हैं कि पुरुषों में होने वाले गंजेपन के लिए अन्य ट्रीटमेंट की बजाय Non Surgical Hair Replacement ट्रीटमेंट ही क्यों कराया जाय | तो इसकी मुख्य वजह यह है कि Minoxidil या Finasteride जैसे तरीके काम नहीं आएंगे । तो अगर इन इलाजों से बालों की रिग्रोथ नहीं होती है तो Non Surgical Hair Replacement ही best choice है ।

इस तरह के मामलों में Non Surgical Hair Replacement ही एकमात्र विकल्प नहीं है । वे सर्जरी भी करवा सकते हैं । हालांकि गंजेपन के शिकार पुरूषों के लिए सर्जरी आखिरी option होता है । इसकी बड़ी वजह यह है कि बहुत से लोग तब तक सर्जरी को तवज्जो नहीं देते जब तक कि यह बेहद जरूरी न हो । दूसरा कारण यह है कि सर्जरी में आपके मौजूदा बालों को लेकर ही पूरे सिर में लगा दिया जाता है । ऐसे में सर्जरी की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपके सिर पर पहले से कितने बाल हैं, जिससे कि इन्हें सिर पर दूसरी जगह लगाया जा सके । इसमें यह खतरा भी होता है कि अगर आपके बाल भविष्य में झड़ते हैं तो आपको गंजेपन वाली जगह पर बाल उगाने के लिए फिर से सर्जरी करवानी पड़ेगी । लिहाजा सर्जरी इसका स्थायी समाधान नहीं है ।

इस लिहाज से Non Surgical Hair Replacement बेहतर है क्योंकि इसमें आपके मौजूदा बालों के साथ छेड़छाड़ करने की जरूरत नहीं पड़ती है । इसलिए जो लोग सर्जरी करवाने की सोच रहे हैं उन्हें पहले Non Surgical Hair Replacement को जरूर ट्राई करना चाहिए । इससे उन्हें अपने मौजूदा बालों को जोखिम में डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

Non Surgical Hair Replacement Side Effects (Disadvantages) क्या हैं नुकसान?

Non Surgical Hair Replacement अधिकतर पुरुषों को ही सूट करते हैं | इसके फायदों के साथ कुछ नुकसान भी है (There are certain side effects to Non Surgical Hair Replacement)  । सबसे पहला नुकसान यह है कि समय-समय पर आपको इसका मेनटेनेंस करवानी पड़ती है, जिससे यह हमेशा Natural दिखे । अगर आपको हेयरकट करवाना है तो आप सीधे नाई के पास नहीं बल्कि आपने जहां से सर्जरी करवाई है वहां जाएंगे । इस दौरान आपकी मेंब्रेन हटाई जाएगी जिससे मौजूदा बालों को ट्रिम किया जा सके । साथ ही आपको मेंब्रेन में लगे बालों में भी नए सिरे से बदलाव करने होंगे जिससे यह आपके नए लुक के साथ मेल खाएं । समय के साथ मेंब्रेन में खराबी भी आएगी और आपको इसे बदलवाना पड़ेगा । आप इसके लिए कौन सा Material चुनते हैं, उसी आधार पर आपको खास प्रोडक्ट की जरूरत पड़ेगी । Non Surgical Hair Replacement की मेनटेनेंस पर आने वाला खर्च ट्रीटमेंट की cost को बढ़ा देते है । ऐसे में दूर से भले ही आपको Non Surgical Hair Replacement आकर्षक लगे, पर ध्यान रहे कि केवल इसे कराने से ही बात खत्म नहीं होती । अगर आप इसे बरकरार रखना चाहते है तो आपको पैसे खर्च करते रहने होंगे ।

How Much Does Non Surgical Hair Replacement Cost In India –

खर्च कई बातों पार निर्भर करता हैं पर इसकी शुरुआत रू 50,000 से लेकर कई लाख तक हो सकती है | लेकिन इसकी Maintenance की Cost Rs 2000 से लेकर Rs 10000 प्रति माह तक आती है |

Sunday 12 February 2017

हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी

केश प्रत्यारोपण

पेज समस्याएं
केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांट) सर्जरी एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है, जिसकी मदद से सिर के पिछले व साइड वाले हिस्से से, दाढ़ी, छाती आदि से बालों को लेकर सिर के गंजे भाग में implant कर दिया जाता है। इसकी वजह यह कि सिर के पिछले हिस्से के बाल आमतौर पर नहीं झड़ते इस लिए सिर के पीछे के बाल ही implant किये जाते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के तकरीबन २ हफ्ते बाद बाल उगने शुरू हो जाते हैं और पूरे बाल आने में 7-10 महीने का समय लगता है। शर्त यह है आपको डॉक्टर दुवारा दी गई हिदायतों का पालन करना होता है। यह बाल बिलकुल कुदरती बालों की तरह होते हैं जीने आप कटवा सकते हैं, कलर कर सकते हैं और अपना मनचाहा हेयर स्टाइल रख सकते हैं। आँखों की पलकों, भौहों या दाड़ी के बालों की समस्या को भी इस तकनीक से दूर किया जा सकता है।
बाल प्रत्यारोपण कैसे काम करता है ?
सबसे पहले पूरे सिर को ट्रिम कर दिया जाता है उसके बाद मरीज के सिर को अचेत (सुन्न) कर दिया जाता है ताकी प्रक्रिया के दौरान मरीज को किसी तरह का दरद महसूस न हो। सिर के पीछे वाले भाग से एक एक कर के हेयर ग्राफ्ट्स (बाल की जड़) को विशेष उपकरणों की मदद से निकाला जाता है। अंत में हेयर ग्राफ्ट्स (बाल की जड़) को गंजे हिस्से में लगा दिया जाता है।

हेयर ट्रांसप्लांट (बाल प्रत्यारोपण) की विधियां:
बाल प्रत्यारोपण करने के लिए कई विधियां हैं। इनमें से दो विधियां सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं जैसे की फोल्लिकलर यूनिट एक्सट्रैक्शन और दूसरी फॉलिकल यूनिट ट्रांसप्लांटेशन।

हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है, जिसकी मदद से सिर के पिछले व साइड वाले हिस्से से, दाढ़ी, छाती आदि से बालों को लेकर सिर के गंजे भाग में implant कर दिया जाता है। इसकी वजह यह कि सिर के पिछले हिस्से के बाल आमतौर पर नहीं झड़ते इस लिए सिर के पीछे के बाल ही implant किये जाते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के तकरीबन २ हफ्ते बाद बाल उगने शुरू हो जाते हैं और पूरे बाल आने में ८ -१० महीने का समय लगता है। शर्त यह है आपको डॉक्टर दुवारा दी गई हिदायतों का पालन करना होता है। यह बाल बिलकुल कुदरती बालों की तरह होते हैं जीने आप कटवा सकते हैं, कलर कर सकते हैं और अपना मनचाहा हेयर स्टाइल रख सकते हैं। आँखों की पलकों, भौहों या दाड़ी के बालों की समस्या को भी इस तकनीक से दूर किया जा सकता है।
बाल प्रत्यारोपण करने के लिए कई विधियां हैं। इनमें से दो विधियां सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं जैसे की फोल्लिकलर यूनिट एक्सट्रैक्शन और दूसरी फॉलिकल यूनिट ट्रांसप्लांटेशन
1) FUT प्रक्रिया को स्ट्रिप प्रक्रिया भी कहते हैं क्यों की इसमें सिर के पीछे से बालों की स्ट्रिप निकाली जाती है।सबसे पहले मरीज को local anesthesia देकर अचेत (सुन्न) कर दिया जाता है। फिर मरीज के डोनर एरिया से एक 1.6-1.7cm चौड़ी स्ट्रिप निकाली जाती है। आधे इंच की एक स्ट्रिप में आम तौर पर दो से ढाई हज़ार follicles हो सकते हैं और एक फॉलिकल में दो से तीन बाल होते हैं। जहां फॉलिकल्स लागए जाते हैं वहां पर एक रात के लिए पट्टिआं लगा दी जाती हैं जिन्हे अगले दिन क्लिनिक जाकर उतरवाया जा सकता है।फॉलिकल्स लगाने के बाद डोनर एरिया (Donor Area ) में टाँके लगा दिए जाते हैं। यह टाँके कुछ एक से दो हफ़्तों में सामान्य हो जाते हैं। पर इस प्रक्रिया मंं दर्द FUE से ज़्यादा होता है।
2) FUE में FUT कि तरह कोई स्ट्रिप नहीं काटी जाती। इसमें सिर के पीछे से एक एक करके फॉलिकल्स (बाल की जड़ )को निकाला जाता है। (बाल की जड़ को के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। सिर के पीछे से निकाले गए बाल की जड़ को गंजे हिस्से में implant किया जाता है। आम तौर पर एक सिटिंग में 2000-3000 Follicles लगाए जाते हैं और इसमें ६ से ८ घंटे का समय लगता है। इसमें patient को admit होने की जरूरत नहीं पड़ती। बाल लगवाने के बाद मरीज अपने घर जा सकता है। FUE सर्जरी की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कोई टंका वगैरा नहीं लगता जिस कि वजह से मरीज को दर्द नहीं होता। Donor Area यहां से बाल निकाले जाते हैं वह 5 से 7 दिन में सामान्य हो जाता है।

हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट्स) क्या है ?
हेयर ट्रांसप्लांट इक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इसके कोई स्थाई दुष्प्रभाव (परमानेंट साइड इफेक्ट्स) नहीं है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ अस्थाई परेशानी जैसे खुजली, सूजन, सर पर लालिमा आ सकती है, पर आपको इसके लिए पहले से दवाई दी जाती है और ये कुछ दिन मे ही ठीक हो जाती है। आपका डॉक्टर आपको हेयर ट्रांसप्लांट के बाद की देखभाल के बारे मे सारी जानकारी दे देता है। 10-15 दिन के बाद आपके बाल सामान्य हो जाते है।

FUE Hair Transplant


At the Regrow Hair Clinic we’re experts in hair replacement, we exclusively perform FUE transplants for our patients. This leading-edge method of hair transplantation is highly technical and the most effective way of getting maximum value out of every donor hair.

What is FUE?


Follicular Unit Extraction, sometimes referred to as follicular unit transplantation, is the modern technique of hair restoration. FUE is a more advanced method of hair transplants than previous techniques like strip harvesting transplantation or FUT (Follicular Unit Transplantation).

How it works


During an FUE transplant, a highly experienced doctor extracts hair follicles from the donor area, typically the back of the neck, using a specialised extraction instrument less than 1mm in diameter. Follicles are then transferred to the recipient area on your scalp and implanted using a powerful stereo microscope in groups of one to four hairs, just as they grow in nature.
This is a Minimally invasive,surgical procedure so you will remain fully conscious the whole time as only local anesthetic is required. Recovery time is short and the risk of complications is low.
After the procedure we will provide you with clear instructions on aftercare, as well as medication and topical treatments to give you the best result possible.

How is it different?


FUE differs from normal hair transplants in several ways. The first is that it is noticeable for not leaving any distinctive scars, or any noticeable changes (other than a renewed lease of life for your hair.)
Strip transplants, a method by which a piece of scalp covered in hair is removed in order to get hair follicles needed for transplantation, usually from the back of the head, leaves very distinctive lateral scars across the back of the head.
Strip transplant surgery also has a long recovery time, especially compared to FUE. FUE leaves some initial bleeding, but usually recovery is complete within 7 days. However, with strip harvesting, as a part of the scalp is removed, it can take weeks for the scars to heal over.
The results possible are of the highest quality and naturalness and undetectable which is the most significant advantage

Your donor hair is a precious resource


The critical thing to keep in mind is that hair transplants can only relocate hair from one part of your body to another: they can’t create donor hair. Your hair is a finite resource, and our doctors take absolute care to safeguard every hair during the procedure. No hairs are lost, dropped or damaged.
Donor hair is taken from places that are unaffected by hair loss. In men, this is typically the sides and back of the head. The individual follicles are then transplanted to the area of the scalp that requires attention.
This is why you cant afford not to go with the best clinic if you wish to get the optimum results possible.

The results of an FUE hair transplant


What makes FUE so remarkable is the way hairs are implanted: experienced specialists carefully map your hair growth before implantation so they know where and on what angle to place each follicle. It’s an exacting process that takes a lot of experience and expertise, but we believe the result is worth it: with a successful FUE transplant, donor hair grows, moves and feels the way it used to. This is the highest-quality hair transplant available.
As this is your natural hair, just moved from place to place, it will grow exactly as normal hair and is permanent. There is no need for pills and potions, just enjoy your natural hair.

Pain in Hair Transplant

Pain in Hair Transplant

No surgical procedure can claim to be completely painless.
But it must be said that pain is not an important factor at all in hair transplant. Although patients are very worried about pain before the procedure, they will find that the pain during and after the procedure was not at all difficult to get through and all their worry was misguided.
Hair transplant is done under Local Anesthesia. This means that the patient remains conscious during the procedure and pain is controlled with local anesthetic injections only. 
Prior to starting the procedure, both before graft taking and before planting, multiple injections of the local anesthetic have to be given in the area. In Regrow Hair Transplant Center, the injections are given with a microscopic needle which makes the pain during the injections easily bearable, though a slight bite like a mosquito prick, is felt. Once the injections have been given, the area is anesthesized and the patient feels no more pain for the rest of the procedure.
Postoperatively, pain during the postoperative period is muc less in the FUE procedure specially. In fact this is one of the important advantages of FUE. Analgesic tablets do have to be taken for about three days postoperatively since some amount of postoperative pain is natural. NSAID painkillers are sufficient to control the pain completely and the patient usually finds that he can stop the painkillers after about three days or so.
The earlier strip method has much more pain postoperatively. This is because a strip of skin is removed leaving a scar and there is also a long stitch across the scalp. This causes a lot of pain. There is also pain during sleeping at night when the patient sleeps on his back and the patient will find his sleep broken with pain for several days. In fact pain when sleeping on the back of the head can last for months till the wound heals completely. Sometimes nerves are cut during removal of the strip and this can cause neuropathic pain which can last for years. All these factors for pain are not present in the FUE method.
Overall, pain is not an important factor in this procedure.

गंजेपन का इलाज

गंजेपन का इलाज

मैं गंजा होता जा रहा हूँ तथा अत्यधिक तनावग्रस्त हूँ। मैं इस स्थिति में क्या कर सकता हूँ?
गंजेपन के क्या इलाज हैं? मैं अपने गंजेपन को कैसे दूर कर सकता हूँ? गंजेपन के लिए क्या उपचार एवं इलाज मौजूद हैं?
ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो बहुत से पुरुष पुराने समय से पूछते आ रहे हैं। किन्तु अंततः एक वैज्ञानिक समाधान – हेयर ट्रांसप्लांटेशन के रूप में प्राप्त हो गया है, और हेयर ट्रांसप्लांटेशन की सर्वाधिक नवीनतम तकनीक एफ़यूई विधि, अंततः गुवाहाटी, असम एवं उत्तरपूर्व में पहुँच गई है।
गंजापन दुर्भाग्य से सभी पुरुषों को होता ही है। यह पुरुष आनुवंशिक कोड में लिखा होता है और उम्र बढ़ने से जुड़ा हुआ है। किन्तु गंजापन तब एक समस्या बन जाता है, जब यह विकराल हो जाता है – उदाहरण के लिए एक व्यक्ति 20 या 30 वर्ष की उम्र में, जिसके बाल झड़ने पहले ही शुरू हो चुके हैं या 40 वर्ष की उम्र का एक ऐसा व्यक्ति जिसका गंजापन 60 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति के समान है। गंभीर गंजापन भले ही किसी भी उम्र में हो, हमेशा एक कॉस्मेटिक समस्या को जन्म देता है, भले ही 20 की उम्र में हो या 60 में, चूँकि यह व्यक्ति की अपीयरेंस में कहीं न कहीं कमी उत्पन्न करता है।
इस तरह के अत्यधिक गंजापन से व्यक्ति की अपीयरेंस को उसकी वास्तविक आयु से ज्यादा दिखने लगती है। गंजापन इससे पीड़ित व्यक्ति के सामाजिक एवं पेशेवर जीवन दोनों को प्रभावित कर सकता है, तथा वे लोग जो इसके प्रति संवेदनशील हैं, इसके बारे में बहुत संकोची हो जाते हैं तथा अन्य व्यक्तियों के साथ आत्मविश्वासपूर्ण ढंग से व्यवहार करने में असमर्थ हो जाते हैं।
महिलाओं में गंजापन इससे भी अधिक दुर्बल होता है, चूँकि महिलाएं अपनी अपीयरेंस के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं तथा बाल हमारी अपीयरेंस का सर्वोच्च आभूषण है।
पिछली शताब्दियों के दौरान गंजेपन का इलाज करने के लिए विभिन्न विधियों की जांच की जा चुकी है। गंजेपन को दूर करने के लिए उपलब्ध विधियां क्या हैं? आइए, उनका अध्ययन करते हैं।
जादुई इलाज: विभिन्न देशों में इसके लिए बहुत से इलाज आज़माए गए हैं। बहुत से सम्मानित इलाज पूर्णतया निरर्थक है और इनमें चूहे के मल, गंजे भाग को छोटे बच्चे के लिंग से स्पर्श करना, ताप अनुप्रयोग, ठंड, वैक्युम आदि जैसी चीज़ें शामिल हैं।
हेयर स्टाइलिंग (केश विन्यास): गंजेपन को ढँकने के लिए हेयर स्टाइल को भी बदला जा सकता है। अपनाए गए सर्वाधिक आम स्टाइल को ‘कॉम्ब ओवर’ कहा जाता है – इसमें सिर के किनारे के बालों को लंबा बढ़ाना तथा इन्हें गंजे भाग को ढँकने के लिए एक किनारे की तरफ खींचा जाता है। यह गंजेपन के शुरूआती चरणों में बहुत प्रभावी हो सकता है। लेकिन गंजेपन में वृद्धि के साथ, कॉम्ब-ओवर भी स्पष्ट रूप से अप्राकृतिक और बाद में काफी मजाकिया लगने लगता है। जापानी इसे 'बार कोड' स्टाइल कहते हैं क्योंकि गंजी खोपड़ी में बालों की लटें एक बार कोड की तरह लगती हैं। हताशा के बाद, बहुत से पुरुष अपने बालों को बहुत छोटे, केवल कुछ मिलीमीटर लंबाई के रखते हैं। यह गंजेपन पर ध्यान दिए बिना व्यक्ति को एक पूरी तरह से अलग अपीयरेंस प्रदान करते हुए बहुत प्रभावी भी हो सकता है, क्योंकि वास्तव में व्यक्ति को यह अपीयरेंस पूरी तरह अपनाने में सक्षम होना चाहिए। कुछ लोग अपने सिर को पूरी तरह से मुड़वा लेने का विकल्प अपनाते हैं और जो बिलकुल सफाचट दिखाई देता है जिसे अपनाने का आपमें साहस होना चाहिए।
टोपी: नियमित रूप से टोपी पहनना वास्तव में गंजेपन को ढँकने का सबसे साधारण तरीका है। यह प्रभावी है, किन्तु यह एक ऐसा स्टाइल नहीं है जिसे ज्यादा लोग अपनाना चाहेंगें। एक व्यक्ति के लिए हमेशा ऑफिस, मीटिंग, सामाजिक सभाओं, आदि में टोपी पहनना उसके कैरियर में बहुत मददगार नहीं होता है।
हेयर विग: विग गंजेपन को ढँकने का बहुत पुराना तरीका है। विग को प्राचीन मिस्त्र में तथा पूरी दुनिया की संस्कृतियों में भी प्रयोग किया गया है। नवीनतम तकनीक के साथ, विग अधिक परिष्कृत हो गए हैं तथा एक अच्छी अपीयरेंस प्रदान करने के लिए बहुत से कृत्रिम फाइबर एवं प्राकृतिक बालों को एक साथ मिलाया जाता है। किन्तु समस्या यह है कि विग बहुत नजदीक से देखे जाने पर वास्तव में कभी भी प्राकृतिक नहीं दिखते हैं, जैसा कि काम के समय और सामजिक कार्यक्रमों में प्राकृतिक रूप से होता है। विग के फिसलने का डर हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, इसमें सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें कोई हेयरलाइन (मांग) नहीं होती है। अतः सामने से देखे जाने पर, विग और सिर की खाल के बीच का हल्का रिक्त स्थान बहुत स्पष्ट होता है तथा किसी के ध्यान में आए बिना एक विग को पहने रहना लगभग असंभव है। इसे पहनने वाला व्यक्ति इस बात को लेकर हमेशा सचेत रहता है कि यह गिर सकती है और या फिर कोई भी इस पर ध्यान दे सकता है कि उसने विग पहना है। लोग जल्दी ही उस व्यक्ति को ‘वह व्यक्ति जो विग पहनता है’ इस तरह संदर्भित करने लगते हैं। विग वास्तव में कभी भी लोकप्रिय नहीं हुए, हालांकि वे बहुत लंबे समय से अस्तित्व में रहे हैं।
बालों को गूंथना(weaving): बाल गूंथने में अपने स्वयं के प्राकृतिक बालों में बालों की लटें जोड़ना शामिल है। बहुत से ऐसे तरीके हैं, जिनमें बाल गूंथे जा सकते हैं। लटें लोगों से एकत्र किए गए प्राकृतिक बालों की हो सकती हैं जो अपने बाल बेच देते हैं, या ये कृत्रिम हो सकते हैं – कृत्रिम बालों के कई भिन्न प्रकार मौजूद हैं। बालों को भी कई प्रकार की विधियों से बांधा जा सकता है। क्लिप विधि वह है जिसमें लटों को छोटी क्लिपों की मदद से बालों के गुच्छे से जोड़ दिया जाता है। बालों को चिपकाया भी जा सकता है – कम स्थायी विधि में सॉफ्ट ग्लू का प्रयोग किया जाता है जो सुविधाजनक किन्तु अस्थायी है, हार्ड ग्लू अधिक टिकाऊ किन्तु असुविधाजनक है। फ्यूजन विधि में गर्म ग्लू का प्रयोग किया जाता है जिसमें ग्लू को अधिक सुविधाजनक किन्तु दीर्घकालिक प्रभाव के लिए गर्म किया जाता है। बाल गूंथने का एक बड़ा लाभ यह है कि यह गंजेपन के शुरुआती चरण में बहुत सफल हो सकता है। यह वास्तव में तब न ध्यान देने योग्य हो सकता है जब केवल अतिरिक्त बालों की थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है। इसका एक बड़ा नुकसान उच्च रखरखाव है जिसकी इसे आवश्यकता होती है। गूंथने के कुछ प्रकारों में आपको अपने बालों को धुलने या कंघी करने की अनुमति नहीं होती है। अन्य में ऐसा करने की अनुमति तो होती है लेकिन विशेष प्रकार की कंघी तथा शैंपू की आवश्यकता होती है। और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, कुछ विधियों में लगभग 3 सप्ताह में नियमित मेंटनेस विजिट और अन्य विधियों में अधिकतम लगभग 2-3 माह में मेंटनेंस विजिट अनिवार्य है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मौजूद बालों से नए बालों को जोड़ा जाता है, और जैसे जैसे ये बाल बढ़ते हैं कृत्रिम बालों को पुनः जड़ों से जोड़ना पड़ता है। यह मेंटनेंस निहायती उबाऊ होता है, हालांकि अधिकाँश लोग पूरे उत्साह के साथ गूंथना शुरू करते हैं, किन्तु बहुत कम ही इसे एक वर्ष से अधिक समय तक जारी रख पाते हैं। मेंटनेंस की लागत भी काफी ज्यादा होती है। किसी भी मामले में, गूंथना गंजेपन के उच्चतर स्तरों में सहायक नहीं होता है, जहाँ यह बिलकुल एक विग की तरह दिखाई पड़ता है।

हेयर ट्रांसप्लांटेशन: और अंत में, हेयर ट्रांसप्लांटेशन। हेयर ट्रांसप्लांटेशन ऐसे प्रभाव उत्पन्न करता है जो इनमें से किसी की तुलना में अधिक बेहतर होते हैं। ट्रांसप्लांट किए गए बाल बिलकुल उसी तरह एक प्राकृतिक हेयरलाइन बनाते हैं जैसी व्यक्ति की गंजे होने से पहले थी, और वास्तव में ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे कोई भी गहन निरीक्षण के बाद भी यह बता सके कि यह नए बाल हैं, उसके पुराने बाल नहीं हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह उसी व्यक्ति के अपने बाल होते हैं। इसलिए रंग, घुंघरालापन, बनावट आदि बिलकुल समान होती है। बाल बढ़ते एवं लंबे होते हैं तथा इन्हें काटना एवं कंघी करना पड़ता है, तथा प्रक्रिया के बाद की शुरूआती अवधि के बाद किसी भी प्रकार के विशेष मेंटनेंस की कोई आवश्यकता नहीं होती है। व्यक्ति पुनः वही अपीयरेंस प्राप्त कर लेता है जैसा वह गंजा होने से पहले था। इसका मुख्य नुकसान लागत है – इसमें लगने वाला खर्च अधिक है। किन्तु यह एक बार का खर्च है और इसलिए उन अन्य तरीकों की तुलना में सस्ता है, जहाँ कई बार पैसे चुकाने पड़ते हैं और वे वास्तव में दीर्घकालीन समय में अधिक खर्चीले साबित होते हैं। और इस बात का मुख्य कारण कि आखिर हेयर ट्रांसप्लांट क्यों सस्ता है, वह यह है कि यह स्थायी एवं आजीवन चलने वाला है। नये बाल व्यक्ति के पूरे जीवनकाल के दौरान बने रहेंगें। उस क्षण की कल्पना करें जिसमें आपके वे मित्र जिनके बाल अभी मौजूद हैं, 50 की उम्र के बाद गंजे होना शुरू हो जाएंगे, किन्तु आपके पास अंत तक बिलकुल वैसी ही हेयरलाइन बनी रहेगी और आप उस समय तक उनसे युवा लगेंगें!

Investigations for Hair Transplant

Investigations for Hair Transplant

A number of investigations may be advised at the first consultation for hair transplant. These are necessary both to find out any causes for hair loss and also to ensure suitabilityfor the surgical procedure.
  • Blood routine investigations - hemoglobin, WBC, ESR.
  • Random blood sugar
  • Lipid profie - cholesterol, triglycerides, etc
  • Liver Function tests - serum bilirubin, SGOT, SGPT, etc 
  • Thyroid function tests - T3, T4, TSH
  • Iron metabolism tests - serum iron, Total Iron Binding Capacity, Ferritin
  • Serological tests - like Hepatitis B
  • Bleeding disorder tests - like bleeding times, clotting times
  • This list is only an indication - all these tests may not be required or some additional tests may be given depending on the patient.

हेयर ट्रांसप्लांट में लागत

हेयर ट्रांसप्लांट में लागत

हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं में लागत काफी भिन्न भिन्न होती है।
इस प्रक्रिया में लागत की गणना प्रति बाल के आधार पर की जाती है – यानी लागत $5 (5 डॉलर) या ₹250 ( रु. 250) प्रति बाल, अमेरिका में औसत लागत, हो सकती है, इसका अर्थ है कि 1000 बालों के ट्रांसप्लांट में अमेरिका में ट्रांसप्लांट किए जाने पर ₹2,50,000 ( रु. 2.5 लाख) की लागत आएगी। इसके अतिरिक्त कुछ अतिरिक्त प्रभार, जैसे- ओटी प्रभार, टैक्स आदि भी आएंगें।
सर्वप्रथम, लागत अपनाई गई प्रक्रिया के प्रकार के अनुसार भिन्न होती है। एफ़यूई, पट्टी (स्ट्रिप) विधि की तुलना में अधिक महंगी है, चूँकि इसके अधिक लाभ हैं और केवल कुछ सर्जन ही इसकी पेशकश कर सकते हैं। एफ़यूई में पट्टी विधि की तुलना में सर्जन का समय भी अधिक लगता है।
लागतें क्षेत्र के अनुसार भी भिन्न होंगी - साधारणतया लागतें छोटे शहरों की तुलना में बड़े शहरों में अधिक होंगी। विभिन्न क्लीनिकों में व्यक्तिगत भिन्नताएं भी होती हैं – बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले क्लीनिक कम ऊपरी खर्च वाले छोटे, एक डॉक्टर यूनिट वाले क्लीनिकों से अधिक चार्ज करते हैं (यद्यपि ऐसी इकाइयों में सुरक्षा, स्टरिलिटी, आदि के साथ भी समझौता किया जा सकता है)।

भारत में हेयर ट्रांसप्लांट की लागत ₹40 से ₹100 प्रति बाल के बीच है। जैसा कि अभी तक चर्चा की गई, लागतें इस बात पर भी भिन्न हो सकती हैं कि यह एफ़यूई है या नहीं, सेंटर के आकार क्या है। कोलकाता और नई दिल्ली में, एक मानक क्लीनिक में एफ़यूई ट्रांसप्लांट की लागत एफ़यूई के लिए ₹50 से ₹70 रूपये प्रति ग्राफ्ट के बीच होती है। कुछ लक्जरी क्लीनिकों में लागत ₹100 प्रति ग्राफ्ट तक पहुँच सकती है। महानगरों में चिकित्सा लागतें अधिक होती हैं, जो उत्तर पूर्व जैसे क्षेत्र में वहनीय नहीं है।
आरोग्यम हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक में प्रति ग्राफ्ट लागत, 1000 ग्राफ्ट तक के लिए ₹45 प्रति ग्राफ्ट के आकर्षक छूट वाले मूल्य की पेशकश की जाती है (पूर्व में लागत ₹50 थी)।
2000 ग्राफ्ट से अधिक की बड़ी प्रक्रियाओं के लिए विशेष छूट के साथ रु. 40 प्रति ग्राफ्ट की लागत प्रदान की जाती है। इस लागत के अतिरिक्त, एक छोटा सा ओटी चार्ज भी होता है जो प्रक्रिया के समय के अनुसार बदलता है और ग्राफ्ट की संख्या का इस पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
उत्तर-पूर्व में अधिकाँश लोग विभिन्न अवरोधों के कारण एक सत्र में लगभग 500 से 1000 ग्राफ्ट की पेशकश करते हैं तथा इस प्रकार एक ट्रांसप्लांट के लिए औसत लागत प्रायः ₹24,000 से ₹48,000 के बीच होती है।
ये मूल्य निश्चित हॉस्पिटल मूल्य हैं तथा सभी के लिए समान रहते हैं। मूल्य पहले ही भारी छूट के तहत हैं तथा इसके अतिरिक्त कोई अन्य डिस्काउंट नहीं दिया जाता है।
ये आंकड़ें कुल लागत की हैं और इनके अतिरिक्त कोई अन्य छिपी लागत नहीं है। बाहरी लागतों में शामिल हैं : लगभग ₹1000 के परीक्षण जो डाउनटाउन ओटी के लिए आवश्यक हैं तथा रजिस्ट्रेशन का ₹600। दवाएं महंगी नहीं हैं, इनकी लागत लगभग ₹600 है।
किए गए ग्राफ्ट्स की संख्या के अनुसार अनुमानित लागतों की तालिका के लिए यहाँ देखें।

आरोग्यम हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक में, लागतों को न्यूनतम रखा जाता है। यह एफ़यूई के माध्यम की गई प्रक्रिया के बावजूद तथा हॉस्पिटल ओटी की पूर्ण सुरक्षा एवं स्टरिलिटी तथा इसके स्टाफ के साथ पूर्णतया मॉडर्न ओटी थिएटर का प्रयोग करके किया जा रहा है। यह उत्तर-पूर्व क्षेत्र में इस प्रक्रिया के पूर्ण लाभों की पेशकश करने की अनुमति देता है। उच्च स्तरीय गंजेपन वाले व्यक्तियों को प्रायः 1000 से 2000 बालों की आवश्यकता होती है जबकि कनपटी के क्षेत्र में हेयरलाइन की कमी वाले कमतर स्तर के गंजेपन वाले व्यक्तियों में प्रायः केवल 500 बालों से एक बहुत अच्छा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
एफ़यूई प्रक्रिया का एक बड़ा लाभ यह है कि यह रोगी को कई चरणों में प्रक्रिया से गुजरने की अनुमति प्रदान करती है ताकि खर्च का बोझ एक ही समय पर न पड़े। यह पुरानी स्ट्रिप विधि में संभव नहीं था। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति जिसे अपने गंजे भाग को ढँकने के लिए 1500 बालों की आवश्यकता होती है, एक सत्र में सिर्फ 500 बाल, फिर 3-6 माह के बाद अगले 500 बाल तथा फिर बाद में तीसरी बार में शेष बाल कर सकता है, और इस प्रकार खर्च को विभाजित कर सकता है। इस तरह वह बिना वित्तीय तनाव में आए ‘किश्तों में भुगतान’ के समान लाभ प्राप्त कर सकता है। 
500 बालों का प्रयोग एक अच्छा घना ‘फोरलॉक’ देने के लिए किया जा सकता है, जो गंजेपन के लुक को कम करने में काफी प्रभावी है। वास्तव में, और अधिक बाल कुल प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए लगाए जाते हैं।
ट्रांसप्लांटेशन के ऐसे स्प्रेड आउट सत्रों का एक लाभ यह भी होता है कि बालों की वृद्धि बहुत नाटकीय एवं नोटिसेबल नहीं होती है। लगातार लाइमलाइट में रहने वाले सेलेब्रिटीज एवं अन्य व्यक्ति प्रायः ऐसे वितरित सत्रों में जाने को वरीयता देते हैं, ताकि अपीयरेंस में कोई ऐसा अचानक बदलाव न हो, जो टिप्पणी का कारण बन सकता है।

हेयर ट्रांसप्लांट एक-बार का खर्च है। इसकी बिलकुल भी कोई अन्य रखरखाव लागत नहीं है और बाल किसी देखभाल की आवश्यकता के बिना आपके पूरे जीवन के दौरान बने रहेंगें। बाल आपको युवा एवं जवां अपीयरेंस प्रदान करते हैं तथा न सिर्फ सामाजिक रूप से बल्कि व्यक्ति के कैरियर में भी सहायता करते हैं। बाल बनाम गंजापन एवं बाल वाले अमरीकी राष्ट्रपतियों पर एक हाजिरजवाब लेख के लिए  यहाँ पढ़ेंएवं बाल वाले अमरीकी राष्ट्रपतियों। ट्रांसप्लांट न केवल आपके लुक को परिवर्तित करेगा बल्कि यह आपको अपेक्षाकृत अधिक आत्मविश्वास एवं क्षमता प्रदान करेगा; जैसा कि बहुत से शोध अध्ययनों से पता चला है कि लोगों में गंजे व्यक्तियों की तुलना में बाल वाले व्यक्तियों पर अधिक भरोसा करने की प्रवृत्ति होती है।
कभी कभी लोगों को फ़ोन पर या वेबसाइट पर पूछताछ करने के बाद बहुत कम मूल्य दिया जाता है। यह याद रखा जाना चाहिए कि इस तरह का मूल्य हमेशा संदेहास्पद होता है। यह सुनिश्चित करना पूर्णतया मरीज़ पर निर्भर है कि वह किसी आने-जाने वाले क्लीनिक के चंगुल में तो नहीं आ रहा है। ऐसे क्लीनिक ग्राहक को अपनी पकड़ में लाने के लिए कुछ भी पेशकश करेंगें और इसका पता केवल तब चलता है जब वे अपना असली चेहरा दिखाते हैं।
आरोग्यम हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक किसी भी सेंटर या अन्य द्वारा पेशकश किये गए किसी भी कम मूल्य पर चर्चा नहीं करना चाहता है। यह भारत में मानकीकृत क्लीनिकों द्वारा पेशकश किए जाने वाले न्यूनतम मूल्यों में से एक है। हम केवल गुणवत्ता पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, मूल्यों पर नहीं।
अंतिम अनुमानित खर्च एवं लागतों पर और अधिक चर्चा करने के लिए सेंटर में संपर्क करें।

बाल झड़ने या गिरने के कारण

बाल झड़ने या गिरने के कारण 

बाल झड़ने का मुख्य कारण पुरुष पैटर्न गंजापन या एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया है।
यह एक ऐसी स्थिति है जो केवल पुरुषों में होती है। यह 20 वर्ष की उम्र से बुढापे तक कभी भी उत्पन्न हो सकती है। पुरुष पैटर्न गंजेपन का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। सिर्फ इतना ज्ञात है कि यह आनुवंशिकी से तथा टेस्टोस्टेरोन स्तरों से भी जुड़ा है। निस्संदेह पुरुष गंजेपन का कोई न कोई आनुवंशिक घटक होता है – पहले ऐसा माना जाता था कि यह मुख्यतः माता के पक्ष से आनुवंशिक होता है किन्तु अब यह ज्ञात है कि गंजेपन के जीन या तो माता के या फिर पिता के पक्ष की आनुवंशिकता के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं। यह भी ज्ञात है कि यह टेस्टोस्टेरोन से जुड़ा है चूँकि एंटी-टेस्टोस्टेरोन दवाएं गंजेपन के लौट आने का कारण होती हैं। किन्तु यह कितने सटीक ढंग से इससे जुड़ा है, यह ज्ञात नहीं है, चूँकि उनके बीच टेस्टोस्टेरोन स्तरों में कोई ज्ञात अंतर नहीं है, जो गंजे हो रहे हैं या जो नहीं हो रहे हैं।
गंजा होना प्रायः हेयरलाइन के कम होने से शुरू होता है। शुरुआत में हेयरलाइन M-आकार का पैटर्न बनाते हुए कनपटी के क्षेत्र में कम होती जाती है। धीरे धीरे बीच का भाग भी एक उलटा-U पैटर्न बनाते हुए गायब हो जाता है। इसके अतिरिक्त, चोटी के सम्मुख भाग में भी बाल झड़ जाते हैं। कुछ लोगों में चोटी के बालों का झड़ना प्रमुख या पूर्ण पैटर्न बन सकता है, जबकि अन्य में चोटी के बाल झड़ने के बजाय केवल सम्मुख भाग के बाल झड़ सकते हैं।

बाल वास्तव में एमपीबी में नहीं गिरते हैं। गंजे होने वाले व्यक्तियों को प्रायः अत्यधिक चिंता होती है जब वे शावर के बाद फर्श पर या तकिये पर बालों को देखते हैं तथा उनमें किसी भी प्रकार के बाल गिरने के संकेतों का बारीकी से निरीक्षण करने की आदत विकसित होने लगती है, किन्तु वास्तव में इस प्रकार से बालों का झड़ना उनके गंजेपन से संबंधित नहीं होता है। एमपीबी या पुरुष पैटर्न गंजेपन में, कूपिक या बालों की जड़ें धीरे धीरे छोटी और पतली होती जाती हैं और बाल भी पतले और छोटे हो जाते हैं। इस प्रकार धीरे धीरे गंजेपन वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक त्वचा दिखने लगती है। वहां बालों का कोई कमी नहीं होती है बल्कि वहां बालों की गुणवत्ता में कमी होती है क्योंकि ये पतले और छोटे हो जाते हैं। व्यक्ति को धीरे धीरे पता चलता है कि उसे गंजेपन वाले क्षेत्रों में बाल कटवाने नहीं चाहिए। एक गंभीर रूप से गंजे व्यक्ति के सिर की त्वचा के पूर्णरूपेण गंजे स्थानों पर भी, मैग्नीफाइंग ग्लास से देखे जाने पर, दिखाई देगा कि वहां अभी भी कुछ बाल हैं, किन्तु वे बहुत पतले और नंगी आँखों से देखे जाने पर लगभग अदृश्य हैं और वे बहुत छोटे भी हैं।
महिलाओं में भी गंजापन विकसित होता है, किन्तु यह पुरुषों की तुलना में बहुत कम होता है। यद्यपि महिलाओं में गंजेपन का पैटर्न भिन्न होता है। महिलाओं में एक विशेष पैटर्न के बजाय पूरे सिर में बालों की कमी होने लगती है। इसे महिला पैटर्न गंजापन कहा जाता है। महिला पैटर्न गंजापन भी जेनेटिक होता है, किन्तु सीधे हार्मोंस से संबंधित नहीं होता।
एंड्रोजेनेटिक गंजापन या पुरुष पैटर्न गंजापन के अतिरिक्त, बाल झड़ने के अन्य कारण भी हैं:
टेलोजेन एफ्लुवियम: यह किसी ट्रामा या तनाव – जैसे कि लंबे समय तक मानसिक तनाव, तीक्ष्ण बीमारियों जैसे संक्रमण या उच्च बुखार, प्रमुख सर्जरी, आदि के कारण होता है। यह बालों को सुप्तावस्था में ले जाता है। यह घटना के लगभग 1 से 3 महीने बाद बड़ी मात्रा में बालों के अचानक झड़ने का कारण बनता है। यही तकिये पर या शावर में बालों की अचानक वृद्धि का कारण होता है।
दवाएं: बहुत सी दवाएं, जैसे उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, हृदय रोगों या कोलेस्ट्रॉल के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाएं, बाल झड़ने का कारण बन सकती हैं।
आयरन मेटाबोलिज्म : आयरन मेटाबोलिज्म में कमी भी बाल झड़ने का कारण बन सकती है। भले ही एनीमिया जैसी कोई समस्या न हो, फिर भी आयरन मेटाबोलिज्म में समस्यायें बाल झड़ने की समस्या को बढ़ा सकती हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल : उच्च कोलेस्ट्रॉल बाल झड़ने का एक महत्वपूर्ण कारण है। इसके चलते रक्त आपूर्ति कमजोर हो जाती है तथा यह सिर की त्वचा में बालों के पतले होने का कारण बनता है।
हाइपोथायरायडिज्म: निम्न थायरॉइड हारमोन भी बाल झड़ने का कारण हो सकते हैं।
डायबिटीज: बालों की जड़ों में कम रक्त आपूर्ति के कारण डायबिटीज भी बाल झड़ने का कारण बन सकती है। पोषक तत्वों की कमी : पोषक तत्व, विशेषकर जिंक, बायोटिन तथा प्रोटीन की कमी को बाल झड़ने के कारण के रूप में जाना जाता है। 
एलोपेसिय एरियाटा: यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो छोटे सीमित क्षेत्र, विशेषकर एक छोटे गोलाकार क्षेत्र में, जिसमें बिलकुल बाल न हों, बाल गिरने का कारण होती है। इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं है।
ये सभी अन्य कारण, पुरुष पैटर्न गंजेपन के अतिरिक्त, बाल झड़ने का कारण हो सकते हैं। अधिक महत्वपूर्ण रूप से, उन्हें पुरुष पैटर्न गंजेपन के साथ जोड़ा जा सकता है तथा और अधिक बाल झड़ने का कारन बन सकता है। इसलिए बाल झड़ने के रोगी का निरीक्षण करते समय इन सभी कारणों पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए।

हेयर ट्रांसप्लांट

हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से पहले और बाद में

प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद, मरीज़ के सिर के पिछले हिस्से पर एक पट्टी बांधी जाती है, किन्तु ट्रांसप्लांट किए गए क्षेत्र को खुला रखा जाता है। ट्रांसप्लांट किए गए बालों को रगड़ने से बचाने जैसी न्यूनतम सावधानियों की सलाह दी जाती है। रोगी ट्रांसप्लांट किए गए क्षेत्र को ढँकने के लिए अगले दिन से एक टोपी पहन सकता है। पपड़ी को धुलने के लिए 4-7 दिनों के बाद या उससे पहले बालों में शैंपू करने की सलाह दी जाती है। अधिकाँश ट्रांसप्लांट किए गए बाल लगभग 20 दिनों में गिर जाएंगे, चूँकि बाल टेलोजेन फेज में चले जाते हैं, जैसे ही जड़ें ट्रांसप्लांटेशन के बाद सुषुप्त अवस्था में चली जाती हैं। यह ट्रांसप्लांट किए गए बालों का सामान्य चक्र है। इस बारे में चिंता न करें, लगभग 3 माह में जड़ों से वापस नए बाल उगना शुरू हो जाएंगे तथा 12 महीनों में पूरा घनत्व प्राप्त हो जाएगा। उत्तरजीविता की सफलता दर बहुत अधिक है तथा लगभग 98% बालों से जीवित रहने की उम्मीद की जाती है। यह दर आरोग्यम हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक में नियमित रूप से प्राप्त की जा रही है। प्रक्रिया से पहले, रोगी का मनोवैज्ञानिक आकलन किया जाना चाहिए। उसकी आवश्यकताओं को समझा जाना चाहिए तथा प्रक्रिया की संभावनाओं एवं सीमाओं के बारे में बताया जाना चाहिए। रोगी को यह बताया जाना चाहिए कि उसे अपने मूल हेयर पैटर्न के वापस आने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए बल्कि एक प्राकृतिक हेयरलाइन प्राप्त करने के द्वारा उसे छिपाने और बालों का घनत्व बढ़ाने की उम्मीद करनी चाहिए। ट्रांसप्लांट किए गए बालों की मात्रा का निर्धारण हेयर लॉस की मात्रा, लागत, मरीज की उम्मीदों आदि जैसे कारकों के आधार पर किया जाता है। मरीज़ शुरुआत में एक छोटा ट्रांसप्लांट करा सकता है और फिर मूल बालों के गिरने के 3 या उससे अधिक वर्षों के बाद फिर आगे के इम्प्लांट के लिए वापस आ सकता है।
एफ़यूई का प्रयोग करके, सर्जन अब छाती, पीठ, भुजाओं एवं टांगों से प्राप्त शरीर के बालों का प्रयोग करने में भी सक्षम हो गए हैं। शरीर के बाल स्थायी होते हैं लेकिन लंबाई में छोटे बने रहते हैं। ऐसे बालों का प्रयोग करके, 10000 बालों तक का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। किन्तु यह केवल वैसे चिंतित मरीज़ के लिए है जो बहुत अधिक घनत्व चाहता है; औसत रोगियों के लिए 1000 से 2000 बालों का ट्रांसप्लांट प्रायः संतोषजनक होता है। यह वर्ष के दौरान कई सत्रों में भी किया जा सकता है।

निष्कर्ष

सभी कॉस्मेटिक उत्पादों के साथ साथ वर्तमान समय में हेयर ट्रांसप्लांट की प्रसिद्धि में भी वृद्धि हो रही है। चूँकि लोगों के पास अधिक लक्जरी और अतिरिक्त समय है, इसलिए कोई भी सफलता और ख़ुशी पाने की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता। 2010 में अमेरिका में लगभग 100,000 हेयर ट्रांसप्लांट तथा दुनिया भर में लगभग 280,000 ट्रांसप्लांट किये गए थे। यह पिछले तीन वर्षों में एशिया में बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है, और भारत में भी इसमें तीव्र विकास देखने को मिल रहा है। न केवल पुरुषों का गंजापन बल्कि महिलाओं के हेयर लॉस और भौहों तथा पलकों के ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया भी तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है। सभी कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं की तरह ही यह एक व्यक्तिगत पसंद है। उनके लिए जो गंजेपन को एक बंधन समझते हैं, हेयर ट्रांसप्लांटेशन न्यूनतम दुष्प्रभावों या नुकसानों के साथ एक सुरक्षित एवं प्रभावी प्रक्रिया के रूप में उभरा है।

डाउनटाउन आरोग्यम हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक इस प्रक्रिया के लाभों को उत्तर-पूर्व के लोगों के लिए उपलब्ध कराने के लिए अब डाउनटाउन हॉस्पिटल में शुरू हो चुका है। सेंटर में मोटरयुक्त ड्रिल द्वारा नवीनतम एफ़यूईई तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसका लक्ष्य किफ़ायती लागत पर नवीनतम तकनीक प्रदान करना तथा इस प्रकार इस क्षेत्र के लोगों को लाभ प्रदान करना है।

Hair transplant Summary

हेयर ट्रांसप्लांट की मूलभूत बातें 

हेयर ट्रांसप्लांट शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में बाल ट्रांसप्लांट करने के द्वारा हेयर लॉस वाले क्षेत्रों का उपचार करने में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।
यह मुख्यतः पुरुष पैटर्न गंजेपन में प्रयोग की जाती है, किन्तु महिला पैटर्न गंजेपन, ट्रामा, जलने, सर्जिकल चीरे, आदि के कारण होने वाले हेयर लॉस में भी प्रयोग की जाती है।
पुरुष पैटर्न गंजापन अधिकांश मामलों में, लगभग 90% में देखने को मिलता है। मुख्यतः दो प्रकार के मरीज़ होते हैं, पहले प्रकार में 20 वर्ष से कम उम्र वाले युवा जिनमें गंजेपन का उच्च स्तर विकसित हो चुका है तथा दूसरे में 40 वर्ष से कम उम्र के वे व्यक्ति हैं जो अपनी उम्र के अनुसार औसत बालों से अधिक खो चुके होते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। यह एक शुद्ध चयनात्मक प्रक्रिया है और रोगी की व्यक्तिगत इच्छाएं इस ऑपरेशन को कराने के लिए प्रमुख प्रेरक कारक हैं। इस प्रक्रिया से होने वाले लाभ अत्यधिक हो सकते हैं। गंजापन उस व्यक्ति के सामाजिक एवं पेशेवर, दोनों प्रकार के जीवन को प्रभावित कर सकता है, तथा वे लोग जो इसके प्रति संवेदनशील हैं, इसके बारे में बहुत संकोची हो जाते हैं तथा अन्य व्यक्तियों के साथ आत्मविश्वास पूर्ण ढंग से बात करने में असमर्थ हो जाते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट इन स्थितियों में जीवन परिवर्तक साबित हो सकता है।

पुरुष पैटर्न गंजापन या एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया को आनुवंशिक तरीके से नियंत्रित किया जाता है। बालों के कोष एक निश्चित उम्र पर बालों का उत्पादन बंद कर देने के लिए आनुवंशिक रूप से प्रोग्राम किये जाते हैं, जो आनुवंशिक कारकों द्वारा निर्धारित होता है। इन जींस को टेस्टोस्टेरोन के प्रभाव द्वारा सक्रिय किया जाता है। हेयर लॉस को नॉरवुड स्केल के अनुसार ग्रेड किया जाता है तथा 1 से 7 के बीच में ग्रेड दिया जाता है। सामान्यतः ग्रेड 6 एवं 7, सर्वाधिक कंप्लीट व्यापक लॉस, हेयर ट्रांसप्लांटेशन के लिए उपयुक्त नहीं होता है। गंजेपन की प्रक्रिया के दौरान, बाल सीधे गिरते नहीं हैं, बल्कि इसके बजाय बाल धीरे धीरे पतले एवं छोटे होना शुरू होते हैं और अपनी पूरी लंबाई प्राप्त नहीं कर पाते।
इस तरीके में बालों का घनत्व सिर की त्वचा को ढँकने के हिसाब से कम हो जाता है। बाल, जो झड़ जाते हैं और तकिए पर और नहाने के दौरान देखे जाते हैं, गंजेपन के कारण नहीं होते हैं।

इतिहास

हेयर ट्रांसप्लांट के दस्तावेजीकृत मामले 19वीं सदी के आरंभ में दर्ज किए गए, जब कुछ सर्जनों ने सिर की त्वचा की कुछ परतें और मुक्त ग्राफ्ट गंजेपन वाले क्षेत्रों में ट्रांसप्लांट किए। सन 1930 के आसपास जापान में भी हेयर ट्रांसप्लांट किया गया था, जहाँ क्षतिग्रस्त भौंहों को बदलने के लिए बालों को ट्रांसप्लांट किया गया था। हेयर ट्रांसप्लांट का नवीनतम युग 1950 के दशक में शुरू हुआ जब डॉ. एन. ओरेंट्रीच ने मुक्त डोनर ग्राफ्टों को गंजेपन वाले क्षेत्रों में ट्रांसप्लांट किया। उन्होंने बताया कि बालों की दीर्घायुता ‘डोनर के प्रभाव के अनुसार’ होती है, यानी बालों का जीवनकाल उस स्थान द्वारा निर्धारित होता है जिसमें यह मूल रूप से उगे थे, और ये उस स्थान से निर्धारित नहीं होते जहाँ इन्हें ट्रांसप्लांट किया गया था। डॉ. पी. वाल्टर ने ‘सुरक्षित डोनर जोन’ को परिभाषित किया जिसमें अधिकतम जीवनकाल दीर्घायुता वाले बाल शामिल होते हैं।
सर्जनों ने छोटे और अधिक छोटे ग्राफ्ट ट्रांसप्लांट करने की तकनीकें विकसित करना जारी रखा। शुरुआत में, पंच ग्राफ्ट लिए जाते हैं किन्तु इसने नए बालों को अप्राकृतिक अपीयरेंस प्रदान किए। 1990 में, लिमर ने पट्टियों से कूपिक इकाइयों को निकालने के लिए माइक्रोस्कोप का प्रयोग करने की तकनीक का विकास किया। तब से कूपिक इकाई ट्रांसप्लांटेशन के लिए स्वर्णिम मानक बन गई। 2002 में, एकल कूपिक इकाइयों के निष्कर्षण के साथ एफ़यूई का विकास हुआ। आरंभ में, मैनुअल पंच प्रयोग किए जाते थे, किन्तु 2004 से एफ़यूई में मोटरयुक्त ड्रिल प्रयोग की जाने लगी और यह वर्तमान में सर्वाधिक उन्नत तकनीक है।

विधियां:

‘सुरक्षित डोनर ज़ोन’ की अवधारणा हेयर ट्रांसप्लांट का आधार है। यह ध्यान दिया जाएगा कि अधिकाँश गंजे तथा बड़ी उम्र के व्यक्तियों में भी, पश्चकपाल एवं कनपटी के क्षेत्रों में बाल अभी तक बचे हुए हैं। ये वे क्षेत्र हैं जिनमें बाल पूरे जीवन काल के दौरान बने रहने के लिए आनुवंशिक रूप से प्रोग्राम होते हैं। यह हेयर ट्रांसप्लांट के लिए संग्रहण क्षेत्र का निर्माण करता है। बाल इस क्षेत्र से लिए जाते हैं और फिर गंजेपन वाले क्षेत्रों में ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। ट्रांसप्लांट किए गए बाल पूरे जीवन के दौरान बने रहते हैं तथा यही कारण है जो हेयर ट्रांसप्लांट को इतना मूल्यवान बनाता है।
हेयर ट्रांसप्लांट को दो मुख्य विधियों एफयूटी तथा एफ़यूई से किया जाता है। इनमें केवल बाल निकालने के तरीके की भिन्नता होती है, प्लान्टेशन एक ही तरीके से किया जाता है।
एफयूटी या कूपिक इकाई (फ़ॉलिक्युलर यूनिट) ट्रांसप्लांटेशन या पट्टी (स्ट्रिप) विधि में, 1 सेमी चौड़ी त्वचा की एक पट्टी पश्चकपाल एवं कनपटी के क्षेत्रों से काटी जाती है। टेक्नीशियन उसके बाद इस पट्टी को व्यक्तिगत बाल कूपिकों में विभाजित करते हैं। इन कूपिकों को द्वितीय स्तर में गंजे क्षेत्रों में ट्रांसप्लांट किया जाता है।
एफ़यूई नामक नवीनतम विधि में, 1 से 4 बालों वाले प्रत्येक बाल कूपिक को हटाने के लिए 1 मिमी या उससे छोटे आकार की एक ड्रिल का प्रयोग किया जाता है। छोटे गोलाकार छिद्र छूट जाते हैं और कोई भी दृश्य धब्बा नहीं छोड़ते। 4 बाल कूपिकों में से 1 को ड्रिल करके बाहर निकाला जाता है और परिणामस्वरूप डोनर स्थल पर हलका कम बालों का घनत्व दिखाई नहीं देता। प्लान्टेशन विधि भी इसी के समान होती है।
प्लान्टेशन की साधारण विधि एक छोटा चीरा बनाना तथा बाल कूपिक को इसमें रोपना है। यह चीरा एक छोटी छुरी या सुई का प्रयोग करके बनाया जाता है। हाल ही में, चोई इम्प्लांटर जैसे अनुकूलित ट्रांसप्लांटरों का विकास हो चुका है जो प्रक्रिया को अपेक्षाकृत तेज और आसान बनाते हैं। प्लान्टेशन प्रायः सहायकों द्वारा किया जाता है।
दोनों ही विधियां एलए के अंतर्गत की जाती हैं। एफ़यूई का एक बड़ा लाभ यह है कि यह प्रक्रिया के बाद सबसे कम दर्दनाक होती है तथा यह कोई धब्बा नहीं छोड़ती। इसका नुकसान यह है कि यह अपेक्षाकृत अधिक समय लेती है और अधिक सत्रों की आवश्यकता होती है। एफयूटी में, मरीज़ के सिर के पिछले हिस्से पर एक सिलाई होती है, जो धब्बे के अतिरिक्त चीरे के ठीक हो जाने के बाद भी महीनों तक असुविधा का कारण बनता है। एफ़यूई में, औसतन लगभग 1000 बाल प्रतिदिन किए जाते हैं जबकि एफयूटी में 2000 बाल तक प्रतिदिन किए जा सकते हैं। प्रायः एक दिन का एक सत्र लगभग 6 घंटे तक चलता है। लंच के लिए ब्रेक, टॉयलेट ब्रेक, आदि बिना किसी समस्या के किसी भी समय लिए जा सकते हैं। मरीज़ सत्र के बाद घर जा सकता है और आवश्यकता होने पर दूसरे सत्र के लिए अगले दिन पुनः आ सकता है। साधारणतया एफ़यूई, एफयूटी की तुलना में अधिक महंगा होता है क्योंकि सर्जन को अधिक समय देना पड़ता है।
प्लान्टेशन के लिए, सर्जन को हेयरलाइन की अपीयरेंस निर्धारित करनी पड़ती है तथा फिर इसे खींचना पड़ता है। ट्रांसप्लांट करने के लिए नियोजित बालों की मात्रा, रोगी की उम्र, मूल बालों की अग्रिम हानि की संभावना, प्राकृतिक अपीयरेंस, नियोजित बालों का घनत्व, आदि वे सभी कारक हैं जिन पर विचार किए जाने की आवश्यकता होती है। हेयरलाइन की ड्राइंग विज्ञान से ज्यादा एक कला है।

Common questions about hair transplant...

Can I meet previous patients?
Yes and we encourage you to research the limitations and possibilities of hair transplantation and can support you in making the correct decisions for you. Please register for our open days when we can arrange for you to meet with previous patients to examine the quality of our work.
What is Donor Management?
The donor hair available to patients during a lifetime is limited and we have to make the correct choice to ensure we select the best strategy to make sure the donor hair is used wisely over a patient’s lifespan. This is crucial to ensure patients gain the best result possible and be educated regarding the potential for future hair loss.
How much does a FUE Procedure Cost?
The cost of the procedure depends on the number of grafts and the complexity of the area to be transplanted. All costs quoted include check-ups and post-operative medications. Repair cases are complex and a speciality at the clinic. Due to the challenging nature of corrective surgery we have to examine patients in detail before providing a cost estimate.
Where is the Procedure Performed?
The Procedure is performed at our clinic where, as a private hospital, we have full access to an in-house pharmacy and onsite testing facilities. 
Do you offer Finance Facilities?
Yes we can provide 12 month interest free credit agreements via our finance partner. Please ask for further details at your consultation.
Do I have to cut my hair short?
In certain cases we can transplant without cutting the hair short depending on the number of grafts required. However, in the majority of cases we do cut the hair short to gain the maximum quality grafts possible.
Am I a suitable candidate?
We always advise arranging a personal consultation as there are many variables to investigate including your age, family history of hair loss, and type of hair loss. These factors determine your overall suitability for treatment.
How many procedures do I need?
The number of procedures required depends on your goals, your present level of hair loss and how this changes in the future. The majority of patients require 2 procedures in their lifetime.
How long before I see the results
The transplanted hair will begin to shed at 3-6 weeks post procedure and will then take a further 2-4 months to start re-growing. At around the 6 month stage we expect the regrowth to be at the half way stage and the final result is achieved at 12-14 months. The progress can vary and we recommend you attend the 6 month check up to review progress.
Will the results be natural?
We have a strict protocol that ensures we only have doctors completing the placement to ensure the naturalness of the final result. The FUE hair transplant procedure requires excellent surgical skills and natural artistic flair and we encourage you to view our gallery to see how we achieve the natural results which are the hallmark of a great hair transplant.
Can I get a full head of hair again?
A hair transplant cannot replace the natural density of a full head of hair but using surgical planning and artistic placement we can maximise the appearance of natural density and volume.
Are there any risks to my health in having a FUE PROCEDURE?
The FUE procedure is a very safe and minimally invasive procedure under local anaesthetic. There are very few potential health risks and, as with any surgical procedure, we take full medical precautions including ECG tests at the clinic for patients aged over 45.
What is Shock loss?
Shock loss is the loss of pre-existing or transplanted hair due to the trauma of a surgical procedure. The incidences of shock loss are rare and any hair loss caused is temporary and normal growth returns after a period of 1-3 months. Shock loss is a potential side effect of transplantation and is minimised by the expertise of our vastly experienced medical team.